प्रवचन – बिहार शरीफ 2025
- BGSM

- 9 अप्रैल
- 2 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 16 अप्रैल
डॉ. स्वामी युगल शरण जी ने हाल ही में बिहार शरीफ, बिहार में एक 15 दिवसीय आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला "आनंद ही जीवन का लक्ष्य" का सफलतापूर्वक संपादन किया। यह कार्यक्रम मात्र एक प्रवचन श्रृंखला नहीं था, बल्कि एक संपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव था, जिसका उद्देश्य सनातन वैदिक धर्म की गूढ़ ज्ञान को साझा करके जीवन को रूपांतरित करना था। इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो सनातन वैदिक धर्म की गहराईयों को जानने के लिए उत्सुक थे।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियाँ
आनंद का सार
स्वामीजी ने प्रतिभागियों को सनातन वैदिक धर्म के शाश्वत सिद्धांतों से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि आत्मा — हमारा वास्तविक स्वरूप — अनगिनत जन्मों से जन्म-मृत्यु के चक्र में फंसी हुई है। इस चक्र से मुक्ति केवल ईश्वर की प्राप्ति से ही संभव है। ईश्वर की प्राप्ति द्वारा मनुष्य सांसारिक दुखों से ऊपर उठकर शाश्वत आनंद का अनुभव कर सकता है।
वैदिक ज्ञान पर दैनिक प्रवचन
हर दिन स्वामीजी ने गूढ़ आध्यात्मिक सिद्धांतों को सरल एवं तार्किक रूप से प्रस्तुत किया। एक वैज्ञानिक से संन्यासी बने स्वामीजी ने अपने प्रवचनों को तर्क, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और दैनिक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से इस प्रकार प्रस्तुत किया कि श्रोता सहज ही उन विचारों को आत्मसात कर सके।
व्यावहारिक साधना पर बल
कार्यक्रम में प्रतिदिन साधना को प्रमुख स्थान दिया गया। हर सुबह स्वामीजी ने रूपध्यान साधना का अभ्यास करवाया — एक ध्यान विधि जिसमें भगवान के दिव्य स्वरूप और गुणों का चिंतन किया जाता है। यह अभ्यास नकारात्मक प्रवृत्तियों को हटाकर हृदय को शुद्ध करता है और उसमें निष्काम भक्ति भरता है, जिससे साधक आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है।
व्यक्तिगत मार्गदर्शन एवं गृह-भेंट
स्वामीजी ने प्रवचनों से इतर समय निकालकर भक्तों के घर जाकर व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन भी दिया। इन व्यक्तिगत मुलाकातों में श्रद्धालुओं को अपने अनुभव साझा करने, शंकाओं का समाधान प्राप्त करने और व्यक्तिगत आध्यात्मिक सलाह पाने का अवसर मिला। इन पलों को भक्तों ने अत्यंत मूल्यवान माना, क्योंकि इससे उनका स्वामीजी के साथ संबंध और भी गहरा हुआ।
यह कार्यक्रम एक पारंपरिक प्रवचन श्रृंखला से कहीं अधिक था — यह एक बौद्धिक और अनुभवात्मक आध्यात्मिक यात्रा थी। स्वामीजी ने प्राचीन वैदिक ज्ञान को आधुनिक जीवन से जोड़कर प्रस्तुत किया, जिससे हर प्रवचन प्रेरणादायक और प्रभावशाली बना। उनकी शिक्षाओं ने श्रोताओं को जीवन के उद्देश्य पर विचार करने और सच्चे आनंद की प्राप्ति के लिए व्यावहारिक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
कई प्रतिभागियों के लिए यह कार्यक्रम केवल प्रवचन नहीं, बल्कि आत्म-खोज और आध्यात्मिक जागृति की ओर एक परिवर्तनकारी यात्रा सिद्ध हुआ।
राधे राधे





















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